पुष्पों के रंग ये कहते हैं,
है प्यार मगर मझधार भरा,
काटों से अक्सर सुनता हुं.
तेरे पलकों के बीच कहीं,
प्रियतम खुदको मैं रखता हुं,
जब रोती हो चुप चाप कहीं,
आंसूं के संग मैं बहता हुं.
तेरे दिल की धड़कन प्रियतम,
मेरे सीने में बस्ती है,
जब सहमी सहमी रहती हो,
मैं दूर कहीं पे डरता हुं.
प्रियतम, जीवन की लहरें जब,
जज्बे को घोल ले जाती हैं,
सब ईशवर अल्लाह कहते हैं,
मैं नाम तुम्हारा जपता हुं.
प्रियतम, जीवन की लहरें जब,
जज्बे को घोल ले जाती हैं,
सब ईशवर अल्लाह कहते हैं,
मैं नाम तुम्हारा जपता हुं.
मर्यादाओं के पार कहीं,
प्रियतम तुझसे है प्यार किया,
जब करती हो तुम याद मुझे,
मैं स्वाश कहीं पे भरता हुं.
प्रियतम कबसे ये साथ जुड़ा,
है याद नहीं मुझको लेकिन,
जो तुझको मंजिल मान चले,
हर जन्म वो राही बनता हुं.
प्रियतम मैं तुझपे मरता हुं....